तारे आकाश में भरे पड़े हैं कुछ तो दिख जाते हैं ! कोई वर्षों तक नेपथ्य में छुपे रहते तारे आकाश में भरे पड़े हैं कुछ तो दिख जाते हैं ! कोई वर्षों तक नेपथ्य...
सब को समझते समझाते मैं नासमझ हो गयी सब को समझते समझाते मैं नासमझ हो गयी
लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं
बदलाव जरूरी है... बदलाव जरूरी है...
सपने टूटते हैं बड़ी खामोशी से अपने लूटते हैं बड़ी खामोशी से । ज़र,जोरू,ज़मीन की ख़ातिर ह सपने टूटते हैं बड़ी खामोशी से अपने लूटते हैं बड़ी खामोशी से । ज़र,जोरू,ज़म...
बहुत तीखी धूप है यहां छाता तो मिलता है पर , माँ बाप के प्यार की छाया नहीं मिलती है। बहुत तीखी धूप है यहां छाता तो मिलता है पर , माँ बाप के प्यार की छाया नहीं ...